Report by pintu Kumar Singh
नदी से पार हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी, मंत्री, विधायक, नेताओं, कसमार में ओपी पुलिस पिकेट प्रशासन,बड़े-बड़े हस्तियों की आने-जाने की ताता लगी रही पर किन्ही ने इस पुल बनाने की लाजमी नहीं समझे।
तरहसी सरकार ग्रामीण इलाकों में सड़क एवं पुलिया की सुविधा देने के मामले काफी पीछे है। आज भी लोगों को छोटे छोटे नदियों के कारण ग्रामीण इलाकों के लोगों की जिन्दगी नारकीय बनी हुई है। ऐसा ही आलम कसमार पंचायत के कसीयाडीह गांव का है। पंचायती राज से लोगों को काफी उम्मीदें थी कि अब गांव के विकास दिन बहुरंगे। लेकिन पंचायती राज के दस साल के कार्यकाल के बाद भी स्थिति जस के तस की बनी हुई है। बताते चले कि कसीयाडीह गांव में पुल नहीं बनने से दर्जनों गांवों के ग्रामीणों को काफी परेशानी हो रही है। अन्य दिनों में तो काम चल जाता है परंतु वर्षा के दिनों में काफी परेशानी होती है। अगर यहां पुल बन जाता तो, मिटार, कसमार, पसहर, नवगढ़, आदि गांवों पांकी से सीधे जुड़ जाएंगे। बारिश के दिनों में कसीयाडीह के अन्य गांवों के लोगों का संपर्क पांकी से कट जाता है। नदी में पानी आ जाने के कारण उक्त गांवों की दूरी सात दस किमी बढ़ जाती है तथा लोगों को सोनपुरा बराज होकर घूमकर जाना होता है। लोग विवश होकर तेतराई आदि बाजारों का रुख कर लेते है।
कसीयाडीह गांव के ग्रामीण काफी समय से पुल की कर रहे हैं मांग, बारिश के दिनों में टापू बन जाता है गांव
क्या कहते हैं ग्रामीण
इस संबंध में गांव के ग्रामीण रंजन यादव ने कहा कि समस्या को सुनने सभी आते है पर समाधान कोई नहीं करता है। जिन्होंने भी समस्या सुना उन्होंने सिर्फ आश्वासन ही दिया। कार्य किसी ने नहीं किया।
रंजित कुमार ने बताया कि इस मार्ग के बंद हो जाने से काफी परेशानी होती है।राजकुमार पासवान बताते हैं कि यहां पर अन्य दिनों तो किसी प्रकार से कार्य चल जाता है। परेशानी बारिश के दिनों में होती है। बारिश के दिनों में स्कूली बच्चे स्कूल नहीं जा पाते है। अभिभावकों को हमेशा डर सा लगा रहता है। जिसके कारण बच्चों का स्कूल छूट जाता है।
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